जगदलपुर। नागरीय निकाय के हजारों कर्मचारियों द्वारा नगर के आम नागरिकों की सेवाओं पर चिंता न करते हुए कमबंदी करके हड़ताल आरंभ कर दिया गया है। निकाय के ए कर्मचारी ठेका कंपनी के अंतर्गत कलेक्टर दर पर कार्यरत हैं, और इस प्राइवेट नौकरी को हासिल करते समय इन्हे तमाम शर्ते स्वीकार थी। इन्हे यह पता है कि सेवा पूर्णतः अशासकीय है, सेवा के बदले कलेक्टर दर पर निश्चित वेतन मिलेगा, और वे लोग इस आधार पर सरकारी नौकरी की मांग नहीं कर सकते हैं।
लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य में नगरीय चुनाव नज़दीक है और आम जनता की सुविधाओं का ध्यान नहीं रखते हुए ए कर्मचारी सरकारी नौकरी की मांग करते हुए पानी सप्लाई जैसी आवश्यक सुविधाओं को भी बंद करके अनिश्चित कालीन हड़ताल कर रहे हैं।
शिवसेना के ज़िला अध्यक्ष अरुण पाण्डेय् ने कहा है कि जिन कर्मचारियों को नगर की आमजनता के आवश्यक सुविधाओं की फ़िक्र नहीं है, और नियम विरुद्ध जाकर सरकारी नौकरी मांगने के लिए सेवाओं को अवरुद्ध कर हड़ताल कर रहे हैं, उन्होंने स्वयं ही यह साबित कर दिया है कि वे लोग सार्वजनिक क्षेत्र के संस्थाओं में सेवा के योग्य नहीं हैं।
शिवसेना के ज़िला अध्यक्ष अरुण पाण्डेय् ने जगदलपुर के निगम आयुक्त, ज़िला कलेक्टर और राज्य के नागरीय निकाय सचिव को संबोधित करते हुए कहा है कि जिस नियम अनुसार इन कर्मचारियों को सेवा में लिया गया था, सेवा में लेते समय इन्होने जिन शर्तोन पर हस्ताक्षर कर स्वीकृति जताई थी अब उसके विपरीत जाकर यदि इनके द्वारा आवश्यक सेवाओं को रोककर हड़ताल किया जा रहा है तो अब तक कार्यवाही क्यों नहीं कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि राज्य भर में नगरीय निकायों में गुणवत्ता पूर्ण सेवा के लिए ठेका कम्पनीयों के माध्यम सी कर्मचारियों की व्यवस्था की जाती है। ठेका कम्पनीयों के द्वारा अनुबंध के समय सपथ पत्र प्रस्तुत किया जाता है कि वे सरकारी कार्य को अवरुद्ध नहीं करेंगे, उनके द्वारा उपलब्ध कराएं गए कर्मचारी ठेका कंपनी में काम करने का हवाला देकर सरकारी नौकरी नहीं मागेंगे और अपनी बात मनवाने के लिए जनता की फ़िक्र किए बगैर कमबंदी करके हड़ताल इत्यादि नहीं करेंगे। लेकिन यही हो रहा है, तब राज्य भर कर नगरीय निकाय के प्रशासकों द्वारा अब तक ठेकेदारों पर कार्यवाही क्यों नहीं किया जा रहा है। शिवसेना द्वारा तत्काल नगरीय निकाय के प्लेसमेंट ठेकेदारों पर कड़ी कार्यवाही की मांग की गई है।