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आदिवासी युवा छात्र संगठन ने दिया जीवन कौशल, सुरक्षित स्पर्श और असुरक्षित स्पर्श की जानकारी

27/11/2024 9:34 PM

Hari singh Thakur

आदिवासी युवा छात्र संगठन ने दिया जीवन कौशल, सुरक्षित स्पर्श और असुरक्षित स्पर्श की जानकारी

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लोहंडीगुड़ा —  विकासखंड लोहंडीगुड़ा अंतर्गत  27 नवंबर को शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कोठियागुड़ा के छात्र छात्राओं द्वारा आयोजित राष्ट्रीय सेवा योजना सात दिवसीय विशेष शिविर के चतुर्थ दिवस मे आदिवासी युवा छात्र संगठन विकास खंड ईकाई लोहण्डीगुड़ा के द्वारा महिला शिक्षा के अंतर्गत जीवन कौशल, सुशिक्षित स्पर्श और असुरक्षित स्पर्श की जानकरी महिला प्रभाग ब्लॉक उपाध्यक्ष कुमारी रीना कश्यप के द्वारा विस्तार से जानकारी दिया गया!
गुड टच और बेड टच दो प्रकार के शारीरिक संपर्क हैं जो हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। यहाँ इन दोनों प्रकार के संपर्कों के बारे में जानकारी दी गई है:

 

गुड टच (सकारात्मक स्पर्श)

गुड टच वह शारीरिक संपर्क है जो हमें सुरक्षित, प्यार और सम्मानित महसूस कराता है। यह संपर्क हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। गुड टच के उदाहरण हैं:

1. माता-पिता का अपने बच्चों को गले लगाना या चूमना।
2. दोस्तों का एक-दूसरे को गले लगाना या हाथ मिलाना।
3. प्रेमी जोड़ों का एक-दूसरे को चूमना या गले लगाना।
4. डॉक्टरों का मरीजों को ठीक करने के लिए शारीरिक संपर्क करना।

बेड टच (नकारात्मक स्पर्श)

बेड टच वह शारीरिक संपर्क है जो हमें असहज, डरा हुआ या अपमानित महसूस कराता है। यह संपर्क हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। बेड टच के उदाहरण हैं:

1. किसी का बिना अनुमति के किसी को छूना।
2. किसी का किसी को जबरन या जबरदस्ती छूना।
3. किसी का किसी को अपमानजनक या अश्लील तरीके से छूना।
4. किसी का किसी को शारीरिक रूप से प्रताड़ित करना।

यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने बच्चों को गुड टच और बेड टच के बारे में शिक्षित करें ताकि वे अपने शरीर की सुरक्षा और सम्मान के बारे में जागरूक रहें।
जीवन कौशल वे क्षमताएँ और योग्यताएँ हैं जो हमें अपने जीवन में सफलता प्राप्त करने और चुनौतियों का सामना करने में मदद करती हैं। यहाँ कुछ महत्वपूर्ण जीवन कौशल हैं:

संचार कौशल

1. *स्पष्ट और प्रभावी संवाद*: अपने विचारों और भावनाओं को स्पष्ट रूप से व्यक्त करना।
2. *सुनने की क्षमता*: दूसरों की बातों को ध्यान से सुनना और समझना।
3. *सकारात्मक और प्रभावी संवाद*: अपने शब्दों और शरीर की भाषा का उपयोग करके सकारात्मक और प्रभावी संवाद करना।

समस्या समाधान कौशल

1. समस्या की पहचान: समस्याओं की पहचान करना और उन्हें समझना।
2. विकल्पों का मूल्यांकन*: समस्या के समाधान के लिए विभिन्न विकल्पों का मूल्यांकन करना।
3. *निर्णय लेना: समस्या के समाधान के लिए निर्णय लेना।
4. *कार्यान्वयन और मूल्यांकन*: निर्णय को कार्यान्वित करना और उसके परिणामों का मूल्यांकन करना।

नेतृत्व और टीम वर्क कौशल

1. नेतृत्व दूसरों को प्रेरित करना और उन्हें एक सामान्य लक्ष्य की ओर ले जाना।
2. टीम वर्क: दूसरों के साथ मिलकर काम करना और एक सामान्य लक्ष्य की ओर काम करना।
3. सहयोग और संचार: दूसरों के साथ सहयोग करना और संचार करना।
4. निर्णय लेना और समस्या समाधान: निर्णय लेना और समस्याओं का समाधान करना।

समय प्रबंधन और संगठन कौशल

1. समय प्रबंधन: अपने समय को प्रभावी ढंग से प्रबंधित करना।
2. संगठन: अपने कार्यों और जिम्मेदारियों को व्यवस्थित करना।
3. प्राथमिकता निर्धारण: अपने कार्यों और जिम्मेदारियों को प्राथमिकता देना।
4. निर्णय लेना और समस्या समाधान: निर्णय लेना और समस्याओं का समाधान करना।

आत्म-विकास और आत्म-जागरूकता कौशल

1. आत्म-जागरूकता: अपने बारे में जागरूक होना और अपनी ताकतों और कमजोरियों को समझना।
2. आत्म-विकास: अपने जीवन में सुधार करने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रयास करना।
3. निरंतर शिक्षा: निरंतर शिक्षा प्राप्त करना और अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाना।
4. आत्म-मूल्यांकन: अपने जीवन में सुधार करने के लिए आत्म-मूल्यांकन करना।
आदिवासी युवा छात्र संगठन शिक्षा के क्षेत्र में लगातार कार्य कर रहा है और इस प्रकार की जानकारी विकास खण्ड के समस्त शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में सेमिनार आयोजित कर ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों तक पहुँचा रहा है! कार्यक्रम का समापन ब्लॉक अध्यक्ष श्री प्रशांत कश्यप के द्वारा किया गया!

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