जगदलपुर। बस्तर जिले में शिक्षा विभाग के मैदानी अधिकारी अपने ही वरिष्ठ अफसर की आंखों में धूल झोंकने से बाज नहीं आ रहे हैं। हद तो तब हो गई जब दो खंड शिक्षा अधिकारियों ने जिले के प्रभारी मंत्री के सामने सांस्कृतिक कार्यक्रम घोटाला की जादूगरी दिखाने का दुस्साहस कर दिखाया।
स्वतंत्रता दिवस का जिला स्तरीय मुख्य समारोह जगदलपुर के लालबाग मैदान पर आयोजित था। इस समारोह में स्कूली विद्यार्थियों के संस्कृति कार्यक्रम की प्रस्तुति के लिए जिला शिक्षा अधिकारी बलिराम बघेल ने 11 अगस्त को एक आदेश निकाला था।
स्वतंत्रता दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुति हेतु जिला शिक्षा अधिकारी ने स्कूलों के नाम तय किए थे। जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा आदेश के साथ जारी स्कूलों की सूची में रुकमणी कन्या आश्रम डिमरापाल, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय भगतसिंह जगदलपुर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या, लोहंडीगुड़ा, निर्मल विद्यालय जगदलपुर, शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या बकावंड के नाम शामिल थे। जिला शिक्षा अधिकारी के आदेश के तहत इन्ही स्कूलों के छात्र छात्राओं को ही सांस्कृतिक कार्यक्रमों में शामिल किया जाना था, मगर बकावंड और लोहंडीगुड़ा के खंड शिक्षा अधिकारियों ने इस आदेश की धज्जियां उड़ा दी। उन्होंने अपने पसंदीदा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय टाईप-4 के नाम की प्रस्तुति हैं करके लालबाग के परेड ग्राउंड में मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा के सामने दिलवा दी। मजे की बात यह रही कि इस प्रतियोगिता में बकावंड को द्वितीय और लोहंडीगुड़ा को तृतीय स्थान भी मिल गया। जबकि आदेश हुआ था शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कन्या बकावंड और लोहंडीगुड़ा के नाम से।सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति में भी इस तरह का फर्जीवाड़ा समझ से परे है। यह प्रश्न चिन्ह खड़ा करता है शिक्षा विभाग के मनमर्जी चलाने वाले अधिकारियों की नाफरमानी पर। ये अधिकारी अपने सीनियर अधिकारी की भी आंखों में धूल झोंकने लगे हैं।