अंतिम निर्णय के पूर्व ही पंचायत सचिवों की स्थानांतरण सूची आम करने के मायने आखिर वजह क्या
2 months ago
08/08/2024 2:46 PM
Hari singh Thakur
फैसला होने के पूर्व ही पंचायत सचिवों की स्थानांतरण सूची आम करने की आखिर वजह क्या?
जिला पंचायत के बाबू के कृत्य को लेकर चर्चा तेज
तबादला प्रभावित सचिवों से सौदेबाजी के आरोप
बकावंड न्यूज –जनपद पंचायत बकावंड की 11 ग्राम पंचायतों के सचिवों की जो लिस्ट जनपद पंचायत द्वारा बस्तर जिला पंचायत को भेजी गई है, उस लिस्ट पर अभी जिला पंचायत सीईओ की मुहर लगने से पहले ही एक चतुर सयाने बाबू ने लिस्ट को सार्वजनिक कर दिया है। बाबू के इस कृत्य के मायने आखिर क्या वजह हो सकते हैं? चर्चा का विषय बना हुआ है कि बाबू ने ऐसा सिर्फ मोल भाव के लिए ही किया है। मोल भाव का खेल शुरू भी हो गया है। स्थानांतरण से प्रभावित सचिवों से उन्हें मुहमांगी ग्राम पंचायत में पदस्थ करने अथवा उनका स्थानांतरण रद्द करवाने के नाम पर वसूली भी शुरू कर दी गई है। हालांकि इसमें जिला पंचायत सीईओ का कोई रोल नहीं है, मगर लोग उन पर भी उंगली उठाने लगे हैं।
आपको बता दें कि बकावंड जनपद पंचायत के ceo ने विकासखंड के 11 ग्राम पंचायतों सचिवों का स्थानांतरण कर उस लिस्ट को जनपद पंचायत की सामान्य सभा में आदेशित के लिए प्रस्तुत किया था। सामान्य सभा ने लिस्ट की आदेशित भी कर दी। इसके बाद जनपद सीईओ ने सूची को ऑर्डर के लिए अपने उच्च कार्यालय जिला पंचायत को भेज दिया गया। जिला पंचायत सीईओ की खुर्ची तक इस लिस्ट को पहुंचाने के बजाय जिला पंचायत के एक चतुर सयाने बाबू ने इस लिस्ट को सार्वजनिक कर दिया। जबकि जिला पंचायत सीईओ द्वारा लिस्ट को अनुमोदित या संसोधित किए जाने से पहले उसे सार्वजनिक करना विभागीय कर्तव्य आचरण के विपरीत है। मगर इस चतुर सयाने बाबू ने इस तरह का दुःसाहस कर दिखाया है। इसके मुख्य कारण आखिर क्या हो सकते हैं? सीधी सी बात है कि लिस्ट की आड़ में रोटी सेंकना । अपनी स्वार्थ सिद्धि के लिए इस चतुर सयाने बाबू ने जिला पंचायत सीईओ की साख पर भी बट्टा लगाने में कमी नहीं की है। पंचायत सचिवों की स्थानांतरण लिस्ट को इस सयाने बाबू ने अपने अच्छी आमदनी का साधन बना लिया है। लिस्ट में शामिल सचिवों को उनकी मनचाहा ग्राम पंचायतों में पदस्थ करने अथवा उनका स्थानांतरण पर रोक लगाने लिए बेजा उगाही का खेल चतुर सयाने बाबू द्वारा खेला जा रहा है। चुनाव के पहले बकावंड जनपद के दर्जनों पंचायत सचिवों का तबादला लिस्ट जारी हुआ था ।जिन्हें चुनावी आचार संहिता का हवाला देते हुए रिलीव नहीं किया गया था। लेकिन अब विधानसभा और लोकसभा चुनाव निपटे अरसा गुजर चुकने के बाद भी संबंधित पंचायत सचिवों को रिलीव नहीं किया गया है। बताते हैं कि इन सचिवों के स्थानांतरण में जनपद पंचायत के सीईओ की मर्जी नहीं चली थी, इस कारण जिला पंचायत सीईओ द्वारा आदेश जारी किए जाने के बाद भी यह स्थानांतरण अब तक रुका है। लेकिन पिछले माह 11 सचिवों की स्थानांतरण लिस्ट को जनपद पंचायत की सामान्य सभा से पारित कर जिला पंचायत में अंतिम अनुमोदन हेतु भेजा गया है। किंतु अब तक उस सूची का भी अनुमोदन जिला पंचायत द्वारा नहीं किया गया है। इसके पीछे कारण बताए जा रहे हैं कि जिला पंचायत में पदस्थ एक बाबू ने लिस्ट में जो टीप लिख देंगे, उसी अनुरूप अधिकारी हस्ताक्षर कर देंगे। खबर है कि स्थानांतरित ग्राम पंचायत सचिवों से उनकी मनचाही ग्राम पंचायत में पदस्थापना हेतु सौदेबाजी की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि सूची में नामजद अधिकांश सचिव मोटी रकम भेंट कर चुके हैं।
सूची में इन सचिवों के नाम
जनपद पंचायत बकावंड द्वारा जो तबादला सूची सामान्य सभा की अनुशंसा के बाद जिला पंचायत को प्रेषित की गई है, उसमें कुल 11 सचिवों के नाम हैं। जिला पंचायत के बाबू द्वारा सार्वजनिक की गई सूची की प्रति इस संवाददाता को भी मिली है। उसी सूची में दिए गए सचिवों के नाम हम दे रहे हैं। सचिव हरिनाथ पटेल राजनगर से करपावंड, सुखराम कश्यप किंजोली को राजनगर का अतिरिक्त प्रभार, श्याम लाल कश्यप छिंदगांव -1 से सांवरा पंचायत, सकरू राम कश्यप छोटे जीराखाल को छिंदगांव -1, धरम नाग को धनपुर से मोखागांव, नीलम कश्यप को सोनपुर से धनपुर, सुंदरनाथ चंद्राकर चिऊंरगांव को सोनपुर का अतिरिक्त प्रभार, प्रभुनाथ बघेल भिरिंडा को मैलबेड़ा, जयदेव सिंह ठाकुर कोलावल को भिरिंडा का अतिरिक्त प्रभार, पीलाराम बघेल बोरपदर को जनपद पंचायत तोकापाल और हाड़ीराम नायक चोलनार को बोरपदर का अतिरिक्त प्रभार।