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बस्तर के लोगों के हितों के लिए राजस्व अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ अपनी श्रेष्ठतम सेवा देवें- कमिश्नर बस्तर  श्याम धावड़े

17/06/2024 2:59 PM

Hari singh Thakur

 

बस्तर के लोगों के हितों के लिए राजस्व अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ अपनी श्रेष्ठतम सेवा देवें- कमिश्नर बस्तर  श्याम धावड़े

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प्रशासन के सुदृढ़ीकरण हेतु राजस्व अधिकारियों की संभाग स्तरीय कार्यशाला में हुई राजस्व सम्बन्धी दायित्वों पर गहन विचार-विमर्श

 

जगदलपुर, 15 जून कमिश्नर बस्तर संभाग श्याम धावड़े  ने कहा कि बस्तर अंचल के लोग सीधे-सरल और सहज प्रवृत्ति के हैं इन लोगों के हितों के लिए राजस्व अधिकारी सकारात्मक सोच के साथ अपनी श्रेष्ठतम सेवा प्रदान करें। प्रशासन में राजस्व अधिकारी की बड़ी जिम्मेदारी है और उसकी भूमिका राजस्व अधिकारी के साथ ही प्रशासनिक अधिकारी की भी होती है। इसे मद्देनजर रखते हुए बस्तर में पदस्थापना को चुनौती के रूप में स्वीकार कर बस्तर को समझें और स्थानीय परिस्थितियों के अनुरूप आम जनता के प्रति संवेदनशीलता के साथ व्यवहार करें और सतत सम्पर्क रखकर उनकी समस्याओं को निराकरण करने के लिए प्रयास करेंगे तो जनता का अभूतपूर्व सम्मान मिलेगा। कमिश्नर बस्तर श्री श्याम धावड़े शनिवार को कलेक्टोरेट बस्तर के प्रेरणा सभाकक्ष में आयोजित प्रशासन के सुदृढ़ीकरण हेतु राजस्व अधिकारियों की संभाग स्तरीय कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए उक्त निर्देश दिए।

कमिश्नर ने कहा कि भूमि प्रबंधन का कार्य राजस्व विभाग का है इसलिए भू-अभिलेखों का नियमित तौर पर दुरुस्तीकरण करने सहित समुचित संधारण करें। वहीं आम जनता से संवेदनशीलता बरतें तथा राजस्व प्रकरणों को प्राथमिकता के साथ निराकृत करें। राजस्व अधिकारी अपने निर्धारित मुख्यालय में रहकर दायित्व निर्वहन करें, जिससे अधीनस्थ राजस्व अमले का उत्तरदायित्व बढ़ेगी और कार्यों में गतिशीलता आएगी। इससे आम जनता में राजस्व प्रशासन के प्रति विश्वास में वृद्धि होने के साथ ही अपने कार्यों को पूरा होने की उम्मीद बढ़ती है। कमिश्नर ने बस्तर के लोगों के लिए जल-जंगल और जमीन को सर्वाधिक महत्वपूर्ण निरूपित करते हुए कहा कि बस्तर के इतिहास में इसी को लेकर मुरिया विद्रोह,भूमकाल जैसे विद्रोह हुए हैं। यहां सदियों से शासन-प्रशासन में सेतु के रूप में भूमिका यहां के मांझी,पुजारी,बैगा-गुनिया,सिरहा-पेरमा,पटेल इत्यादि पारम्परिक सामाजिक नेतृत्व की रही है,इन पारम्परिक नेतृत्व के साथ विचार-विमर्श कर समस्याओं एवं जनशिकायतों को निराकृत करने पहल करेंगे तो समाज में अच्छी छवि बनेगी और दायित्वों के निर्वहन में सहूलियत होगी।

वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदाय में अच्छा काम,अब 692 ग्रामों के लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य

कमिश्नर ने पूरे बस्तर संभाग में वनाधिकार मान्यता पत्र प्रदाय के लिए बेहतर प्रदर्शन को सराहनीय प्रयास बताते हुए कहा कि आदिम जाति एवं गैर परम्परागत वन निवासी अधिनियम 2006 के तहत बड़े पैमाने पर व्यक्तिगत वनाधिकार पट्टे प्रदान करने सहित सामुदायिक वनाधिकार मान्यता पत्र एवं सामुदायिक वन संसाधन मान्यता पत्र प्रदाय किया गया है। साथ ही वनाधिकार पट्टेधारी हितगग्राहियों को ऋण पुस्तिका,किसान क्रेडिट कार्ड प्रदान करने सहित मनरेगा से लाभान्वित किया जा रहा है। यह इन हितगग्राहियों के आजीविका संवर्द्धन की दिशा में सहायक साबित हो रहा है। अब बस्तर संभाग के दूरस्थ अंदरूनी 692 ग्रामों के वन भूमि में काबिज पात्र लोगों को वनाधिकार मान्यता पत्र से लाभान्वित करने का लक्ष्य है। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए सभी राजस्व अधिकारी समन्वय स्थापित कर दायित्व निर्वहन करें।

सामाजिक प्रस्थिति प्रमाण पत्र प्रदाय के लिए सरलीकृत नियमों का पालन करने के निर्देश

 

कमिश्नर ने बस्तर संभाग में सामाजिक प्रस्थिति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राज्य शासन के सरलीकृत नियमों का परिपालन किये जाने के निर्देश दिए। इस दिशा में अधिकार अभिलेख के अभाव में सामाजिक ताना-बाना,स्थानीय रीति-रिवाज, सामाजिक परंपराओं,वंशावली इत्यादि के आधार पर ग्रामसभा के प्रस्ताव के माध्यम से सामाजिक प्रस्थिति प्रमाण पत्र प्रदाय करें। शैक्षणिक सत्र के शुरुआत को देखते हुए स्कूली बच्चों को जाति,निवास और आय प्रमाण पत्र प्रदाय कार्य में अद्यतन प्रगति लाने के निर्देश दिए। उन्होंने इस कार्य के लिए बीईओ,बीआरसी और संकुल समन्वयकों के माध्यम से लक्ष्य के अनुरूप प्रकरण तैयार करने कहा। वहीं युवाओं को भी प्राथमिकता के साथ उक्त सभी प्रमाण पत्र प्रदाय किये जाने के निर्देश दिए। कमिश्नर ने वर्षाकाल के दौरान बाढ़ आपदा प्रबंधन सहित मौसमी बीमारियों के रोकथाम एवं उपचार के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ आवश्यक पहल किये जाने के निर्देश दिए।

कार्यशाला के दौरान मास्टर्स ट्रेनर्स द्वारा भू-राजस्व सहिंता 1959 (धारा 109, 110, 178, 248, 250), राजस्व पुस्तक परिपत्र, भू-अभिलेख नियमावली सहित अन्य राजस्व संबंधी अधिनियम के संबंध में जानकारी दी गई। जिसके तहत नामांतरण, बटवारा, सीमांकन एवं अतिक्रमण विषय पर बीजापुर के संयुक्त कलेक्टर श्री कैलाश वर्मा द्वारा, मसाहती सर्वे पर डिप्टी कलेक्टर सुश्री हीरा गवर्ना द्वारा, भू-अर्जन अधिनियम 2013 पर नारायणपुर के अपर कलेक्टर श्री विरेन्द्र कुमार पंचभाई, भू-व्यपर्वतन धारा 172 पर बस्तर के डिप्टी कलेक्टर श्री गगन शर्मा द्वारा, आय, जाति और निवास प्रमाण पत्र में अपर कलेक्टर विरेन्द्र कुमार पंचभाई और आरबीसी 6-4 एवं भूमि आबंटन के विषय पर बीजापुर डिप्टी कलेक्टर श्री जोगेश्वर कौशल के द्वारा प्रशिक्षण दी गई।
वन अधिकार मान्यता अधिनियम 2006 के नियमों व प्रावधानों पर बस्तर के डिप्टी कलेक्टर श्री सुब्रत प्रधान और दंतेवाड़ा के सहायक आयुक्त श्री आनंद सिंह द्वारा, न्यायालयीन प्रक्रिया एवं आदेश लेखन विषय पर बस्तर अपर कलेक्टर श्री सीपी बघेल द्वारा प्रस्तुतिकरण दी गई। साथ ही अन्य राजस्व अधिकारियों ने सूचना का अधिकार अधिनियम 2005, नियद नेल्लानार योजना सहित राजस्व अधिकारियों के कर्तव्य एवं अधिकार विषय पर विस्तारपूर्वक अवगत कराया गया। इस कार्यशाला में संभाग के सभी जिले में पदस्थ समस्त अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर, सहायक कलेक्टर, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, नायब तहसीलदार, अधीक्षक भू-अभिलेख एवं राजस्व निरीक्षक शामिल हुए।कार्यशाला के समापन पर आभार प्रदर्शन बस्तर उपायुक्त कमिश्नर श्रीमती माधुरी सोम द्वारा की गई।

 

 

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