न्यूज़ -बस्तर/जगदलपुर 5 जून बस्तर वन मंडल के द्वारा आयोजित विश्व पर्यावरण दिवस पर जिले के वरिष्ठ अधिकारियों ने श्यामाप्रसाद मुखर्जी सभागार परिसर में पौधारोपण किया। पौधारोपण कार्यक्रम में सीसीएफ आरसी दुग्गा ने बादाम के पौधे, कलेक्टर विजय दयाराम के ने आम के पौधे, पुलिस अधीक्षक शलभ सिन्हा ने जामुन के पौधे, सीईओ जिला पंचायत श्री प्रकाश सर्वे ने नीम के पौधे, वनमण्डलाधिकारी उत्तम गुप्ता ने आम के पौधे का रोपण किया। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सीसीएफ आरसी दुग्गा ने कहा कि वन है तो जल है, जल है तो कल है, इसके लिए हमे अधिक-अधिक पेड़ लगाने है, पौधों-पेड़ों का संरक्षण करना है ताकि पर्यावरण को हराभरा बनाए रखे। उन्होंने पेड़ों के महत्व को बताया कि पेड़ के आसपास अन्य जगह से चार डिग्री तापमान की कमी रहती है, इसके अलावा वायु, ध्वनि प्रदूषण को रोकने में अहम भूमिका निभाती है।
कलेक्टर विजय दयाराम के. ने कहा कि हम ईको फ्रेंडली के रूप में पैदा हुए और जीवन को बेहतर करने के लिए पर्यावरण का अपने हिसाब से उपयोग किए। पर्यावरण को नुकसान भी हुआ, इस नुकसान की भरपाई के लिए सभी अपने स्तर पर प्रयास करते है। ईको फ्रेंडली को बढ़ावा दे कर आने वाले भावि पीढ़ी हेतु पर्यावरण को बचाने के लिये हमे पेड़ों के महत्व को समझना होगा और अधिक से अधिक पौधे लगाने होगें। विश्व पर्यावरण दिवस पर शासन के निर्देशानुसार जिले के ग्राम पंचायतों में चिन्हांकित अमृत सरोवर के मेड़ों में जनपद पंचायतों के द्वारा पौधरोपण किया जा रहा है। जिला पंचायत सीईओ सर्वे ने जनपद जगदलपुर के ग्राम बिलौरी के सरोवर में पौधरोपण किया। पौधरोपण का कार्यक्रम के तहत सभी अमृत सरोवरों में पौधे लगाने का काम किया जा रहा है। इस अवसर पर सभी ने पर्यावरण को बचाने की शपथ भी ली। टाउन हाल के कार्यक्रम में बच्चों ने फैंसी ड्रेस में पर्यावरण संरक्षण के संदेश दिया। कार्यक्रम में बच्चों के लिए निबंध, चित्रकला, फैंसी ड्रेस, रंगोली की आयोजित प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रशस्ति पत्र वितरण किया गया। ज्ञात हो कि विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का फैसला वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा स्टॉकहोम सम्मेलन में किया गया था। पर्यावरण संरक्षण के लिए पहली बार वर्ष 1974 में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था,पहली बार विश्व पर्यावरण दिवस की थीम ‘एक पृथ्वी’ थी। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना था, पर्यावरण में दिन-प्रतिदिन जो क्षति हो रही है, उसे रोकने के लिए जागरूक करना और पर्यावरण में वनों की कटाई को रोकने, समुद्री प्रदूषण, जनसंख्या नियंत्रण, ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करना है।